मेरे साथी:-

Sunday, September 27, 2015

मेरे दिल आज ये बता दे

मंजिल है कहीं और तेरी पर रस्ता ये कोई और है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

बेपरवाह गलियों में भटक रहा, क्या तेरे सनम का ठौर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

रुसवा हो जमाने से, आँखों से बारिश बड़ी जोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

धुंधलाती यादें फिर उकरते ही, चहका तेरा पोर पोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

रुलाती हुई इस तमस के बाद, जगाती हुई एक भोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

तू बंधा पड़ा है जाने कबसे, अनदेखी सी वो डोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

कभी हंसती कभी रोती ध्वनि, क्या तेरा ही ये शोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

देखता हसरतों से रस्ते को, चांद ज्यों देखता चकोर है,
मेरे दिल आज ये बता दे, तू जाता ये किस ओर है ।

हिंदी में लिखिए:

संपर्क करें:-->

E-mail Id:
pradip_kumar110@yahoo.com

Mobile number:
09006757417

धन्यवाद ज्ञापन

"मेरा काव्य-पिटारा" ब्लॉग में आयें और मेरी कविताओं को पढ़ें |

आपसे निवेदन है कि जो भी आपकी इच्छा हो आप टिप्पणी के रूप में बतायें |

यह बताएं कि आपको मेरी कवितायेँ कैसी लगी और अगर आपको कोई त्रुटी नजर आती है तो वो भी अवश्य बतायें |

आपकी कोई भी राय मेरे लिए महत्वपूर्ण होगा |

मेरे ब्लॉग पे आने के लिए आपका धन्यवाद |

-प्रदीप