मेरे साथी:-

Tuesday, April 22, 2008

यंग इंडिया

कल तक जो था नामुमकिन,
उसको भी आसान कर दिया;
जोश और जूनून से भरी,
यह है नई यंग इंडिया।

हर रोज नई तरकीब निकाले,
हर रोज नया एक खोज करे;
शार्टकट में हर काम करने वाली,
यह है नई यंग इंडिया।

पीढियों की जिंदगी से उब सी चुकी,
लोअर लिविंग को गुड बाय कह दिया;
नयापन और नई ताजगी के साथ,
यह है नई यंग इंडिया।

जातिवाद, धर्मभेद नहीं कुछ,
हर नियम को लगभग बदल ही दिया;
अलग सोच के साथ बिल्कुल मनमौजी,
यह है नई यंग इंडिया।

अपनी सभ्यता रास न आती,
पाश्चात्य को ही अपना बना लिया;
फैशन और चकाचौंध की मारी,
यह है नई यंग इंडिया।

दोस्ती के नए तरीके और बहाने खोजती,
मोबाइल और नेट से ही सबकुछ कर लिया;
विपरीत लिंग के पीछे पागल-सी,
यह है नई यंग इंडिया।

गंभीरता नाम की अब चीज़ न कोई,
मस्ती को ही फितरत कर लिया;
क्रिकेट और फिल्मों की दीवानी,
यह है नई यंग इंडिया।

No comments:

Post a Comment

कृपया अपनी टिप्पणी दें और उचित राय दें | आपके हर एक शब्द के लिए तहेदिल से धन्यवाद |
यहाँ भी पधारें:-"काव्य का संसार"

हिंदी में लिखिए:

संपर्क करें:-->

E-mail Id:
pradip_kumar110@yahoo.com

Mobile number:
09006757417

धन्यवाद ज्ञापन

"मेरा काव्य-पिटारा" ब्लॉग में आयें और मेरी कविताओं को पढ़ें |

आपसे निवेदन है कि जो भी आपकी इच्छा हो आप टिप्पणी के रूप में बतायें |

यह बताएं कि आपको मेरी कवितायेँ कैसी लगी और अगर आपको कोई त्रुटी नजर आती है तो वो भी अवश्य बतायें |

आपकी कोई भी राय मेरे लिए महत्वपूर्ण होगा |

मेरे ब्लॉग पे आने के लिए आपका धन्यवाद |

-प्रदीप